Friday, November 11, 2011

कुछ संवेदनाएं

याद आ गयी हमें उनकी
मृत-प्राय कुछ संवेदनाएं...

कुछ पल ठहर गयी ज़िंदगी
पर अगले ही पल फिरसे बढ़ी
एक नयी लक्ष की संधान में...

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