Sunday, September 26, 2010

जीवन में एक सितारा था

जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया 


अंबर के आंगन को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छूट गये फ़िर कहां मिले
पर बोलो टूटे तारों पर
कब अंबर शोक मनाता है
जो बीत गई सो बात गई


जीवन में वह था एक कुसुम
थे उस पर नित्य निछावर तुम
वह सूख गया तो सूख गया
मधुबन की छाती को देखो
सूखी कितनी इसकी कलियां
मुरझाईं कितनी वल्लरियां
जो मुरझाईं फ़िर कहां खिली
पर बोलो सूखे फ़ूलों पर
कब मधुबन शोर मचाता है
जो बीत गई सो बात गई


जीवन में मधु का प्याला था
तुमने तन मन दे डाला था
वह टूट गया तो टूट गया
मदिरालय का आंगन देखो
कितने प्याले हिल जाते हैं
गिर मिट्टी में मिल जाते हैं
जो गिरते हैं कब उठते हैं
पर बोलो टूटे प्यालों पर
कब मदिरालय पछताता है
जो बीत गई सो बात गई




मृदु मिट्टी के बने हुए हैं, 
मधु घट फूटा ही करते हैं
लघु जीवन ले कर आए हैं,
प्याले टूटा ही करते हैं
फ़िर भी मदिरालय के अन्दर, 
मधु के घट हैं,मधु प्याले हैं
जो मादकता के मारे हैं, 
वे मधु लूटा ही करते हैं
वह कच्चा पीने वाला है, 
जिसकी ममता घट प्यालों पर
जो सच्चे मधु से जला हुआ, 
कब रोता है चिल्लाता है
जो बीत गई सो बात गई



- हरिवंशराय बच्चन

4 comments:

  1. so nice poem navneeta.keep it up.....true poem abt life.forget whatever happen in past.live for today enjoy ur life who know what happen tommorow.

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  2. Which poem are you talking about Deepak? the above poem is by the great Harivansh Rai Bachchan.

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  3. Sanskrit is a classical language of India, which is still used as a religious and ceremonial language, and as a spoken language to some extent. Sanskrit Vyakaran is a way to learn sanskrit officially. Sanskrit Shlokas can touch the soul of any being in the world.

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